3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस है… फ्रीडम ऑफ स्पीच का हवाला देते हुए जब जब प्रेस की स्वतंत्रता की बात की जाती है तो हम भारतीय पाकिस्तान से तुलना कर कॉलर ऊंची कर लेते हैं. पर पूरी दुनिया में हम कहां एक्जिस्ट कर रहे हैं, इसकी पड़ताल करता एक लेख साझा कर रहे हैं, सुरेश व्यास. राजस्थान के जाने माने पत्रकार सुरेश व्यास ने अपने ब्लॉग में इस बारे में लिखा है. उनकी फेसबुक वॉल से ये लेख साभार चुराया गया है, आप आमुख यहां पढ़ें, अच्छा लगे तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर पूरा आलेख पढ़ सकते हैं.-
सुरेश व्यास अपनी फेसबुक वॉल पर लिखते हैं-
3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस है…लेकिन हाल ही जारी वैश्विक पत्रकारिता स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की रैंकिंग फिर दो पायदान गिर गई..लगातार 10 सालों से आ रही है रैंकिंग में गिरावट…क्या सहन करने की खत्म हो रही शक्ति के बीच उम्मीद की जा सकती है सूचकांक रैंकिंग में सुधार की.
हेट कैंपेन से लेकर विश्व में भारत की रैंकिंग पर सुरेश व्यास का लिखा आलेख पढ़ने के लिए क्लिक करें, उनके ब्लॉग गली चौबारा से साभार-