Search Results Web results Theater Director Sartaj Narayan Mathur

जवाहर नगर के उर्मिला उद्यान में मास्क लगाए सिरफिरों की आज अलग ही चहल पहल थी. पार्क में घूमते लोग उन्हें घूर रहे थे, कि यहां क्या प्लानिंग चल रही है. कुछ की दाढ़ी मास्क में से बाहर आ रही थी, कुछ के टी शर्ट में से पेट.. अचानक ये सब एक साथ गली के नुक्कड़ के दूसरे मकान की ओर बढ़ चले. बाहर खुले में एक बड़ी जम्बो कुर्सी पर टीशर्ट पहने, वही सदा बहार सिल्की बालों वाला बुजुर्ग टेबल पर रखी चाय को मुंह से लगाने ही वाला था, कि 4 बटा एक, जवाहर नगर में एक साथ स्वर गूंजा…

‘हैप्पी बर्थ डे टू यू.. हैप्पी बर्थ डे टू यू… हैप्पी बर्थ डे डियर सरताज सर… ‘

सरताज नारायण माथुर 89 साल के हो गए, बाखुदा नूर वैसे ही बरकार है जैसा जवाहर कला केन्द्र के रंगायन में नजर आता था. बंदा तमाम ऑपरेशन, झुर्रियों के बाद भी सक्रिय है. गूगल पर सर्च डाला तो सरताज जी ने 1 जून को भी जवाहर कला केन्द्र के एक रंग संवाद में हिस्सा लिया था. खैर फिर से आज की खुशनुमा सुबह पर लौटते हैं. रंग शागिर्दों की टोली में से एक मोहतरमा केक बना कर लाईं थी, एक बेकरी से आया था. दोनों काटे गए. फिर से जब हैप्पी बर्थ डे टू गाया गया, तो ”पेट से”… सरताज जी रंगमंच में स्पीच के सरताज कहे जाते हैं… अक्सर अपने कलाकारों को वो डायलॉग गले से नहीं, ‘पेट’ से बोलने के लिए टोकते आए हैं…

सरताज जी के चेहरे की खुशी इस सरप्राइज के बाद देखते ही बन रही थी. एक-एक कर मास्क हटाकर सबको देखने पहचानने लगे.. एक बांके जवान को देख सीधे बोले… ‘मेरा हैलमेट किधर है..’ घर के पोर्च में ठहाका गूंज पड़ा… यकीनन कोई शानदार वाक्या रहा होगा हैलमेट का, गुरु और चेले के बीच का… एक मोहतरमा आम की रबड़ी बना कर लाईं थी.. पर वो आम नहीं खास थी…. सबने खाई… इसी दरमियान स्टूडेंट्स के वीडियो कॉल आने लगे… एक युगल ने तो गिटार लेकर गाने गाना शुरू कर दिया… ये आधा घंटा मेरे जीवन के खुशनुमा यादगार लम्हों में से है…
वाकई में गुरु को उसके चेले महान बनाते हैं… मैं खुशकिस्मत हूं कि मैंने रंगमंच में बहुत दिग्गजों के साथ काम किया है. सरताज जी उनमें अलग हैं, ये उनकी खासियतों के साथ-साथ उनके स्टूडेंट्स की उनके प्रति शिद्दत से उभर कर आता है.. मैं एक इंटरव्यू के लिए दो साल पहले उनके घर गया था, तब भी वहां शागिर्दों की टोली थी…

सरताज जी पत्नी के देहांत के बाद अकेले नहीं हुए, उनके रंगमंच के पौधे उनके साथ हमेशा रहते हैं.आज भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ये युवा रंगकर्मी सरताज जी के पास पहुंचे, खाया पिया.. मौज की.. और फोटो शोटो खिंचवाई . वाकई सरताज जी, आप गजब की किस्मत वाले हो…
मैं अभिषेक मुद्गल का जिक्र जरूर करूंगा, वो एक दिन पहले इस सरप्राइज का मैसेज न करता, तो मैं कैसे आज ये दर्शन लाभ ले पाता..

अभिषेक.. तुम वाकई कमाल हो यार… खूब फलो.. खूब जियो… लॉकडाउन में घर लौटते भूखे प्यासे मजदूरों की दुआएं तो तुम्हारी हिफाजत ताउम्र करेंगी.. पर तुम्हें देखकर लगता है कि किसी गुरु को शागिर्द मिले तो तुम-सा मिले.. खूब तरक्की करो…

रंगमस्तानी टोली ने इस सुबह को यादगार बनाया, सरताज सर, आपको एक बार फिर हैप्पी बर्थ डे… कलमुहे कोराना से उबर कर अब जल्द रंगमंच आबाद हों और आप फिर सक्रिय हो.. आपकी डांट का असर स्टेज पर दिखे और हम दर्शक तालियां बजाएं.. आमीन…

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